Patna High Court- बीवी को 'भूत-पिशाच' कहना क्रूरता नहीं; हाईकोर्ट की बड़ी टिप्पणी, रद्द कर दी पति की सजा

बीवी को 'भूत-पिशाच' कहना क्रूरता नहीं; हाईकोर्ट की बड़ी टिप्पणी, रद्द कर दी पति की सजा, निचली अदालत का आदेश रोका

Patna High Court Says Wife Bhoot Pishach Is Not Cruelty

Patna High Court Says Wife Bhoot Pishach Is Not Cruelty

Patna High Court News: बिहार में पटना हाईकोर्ट ने पति-पत्नी विवाद में एक बड़ी टिप्पणी की है। हाईकोर्ट की यह टिप्पणी सुर्खियों में है। हाईकोर्ट ने कहा है कि, पति का अपनी पत्नी को भूत-पिशाच कहना क्रूरता नहीं है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने पति को निचली अदालत द्वारा दी गई सजा भी रद्द कर दी है।

दरअसल, पत्नी ने पति और उसके परिजनों पर दहेज उत्पीड़न और शारीरिक-मानसिक यातना देने का आरोप लगाया था। जिसके बाद नालंदा जिले की निचली अदालत द्वारा पति को सजा सुना दी गई। इसके बाद पति ने पटना हाईकोर्ट का रुख किया और यहां याचिका लगाते हुए अदालत के आदेश को चुनौती दी। इधर जब हाईकोर्ट ने पति की याचिका मंजूर करते हुए मामले में सुनवाई की तो पता चला कि पत्नी ने पति पर यह आरोप भी मढ़ा है कि उसने उसे 'भूत-पिशाच' कहा।

जिस पर हाईकोर्ट ने कहा कि शादी-शुदा ज़िंदगी में, खासकर असफल शादी-शुदा ज़िंदगी में ऐसी घटनाएं अक्सर होती हैं जहां पति और पत्नी दोनों एक-दूसरे के साथ गंदी भाषा और अपशब्दों का प्रयोग करते हैं। ऐसे में वे एक दूसरे के लिए इन शब्दों या इनसे बढ़कर शब्दों का प्रयोग कर सकते हैं। इसलिए, ऐसे आरोप क्रूरता के दायरे में नहीं आ सकते हैं। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने आईपीसी की धारा 498ए और दहेज निषेध अधिनियम 1961 की धारा 4 के तहत पति को निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा भी रद्द कर दी।

हाईकोर्ट ने कहा कि, पत्नी और उसके परिवार के आरोप आरोपी पति और उसके परिवार पर साबित नहीं हो रहे हैं। जिनमें यह कहा गया था कि पति ने दहेज में कार मांगी है और मारपीट की है। इसलिए पत्नी के सारे आरोप खारिज किए जाते हैं और पति को दोष और सजा से मुक्त किया जाता है।